आज मन खुश हुआ। सुबह उठ जो बाहर देखा। आज मन खुश हुआ। सुबह उठ जो बाहर देखा।
जैसे, वो हमारे आसपास कोई संतुलन बनाए रखते है। जैसे, वो हमारे आसपास कोई संतुलन बनाए रखते है।
बसंत ऋतु में होने लगता, प्यार का सुखद एहसास। चहुँओर दिखती हरियाली, मन में जगती है न बसंत ऋतु में होने लगता, प्यार का सुखद एहसास। चहुँओर दिखती हरियाली, मन म...
बढ़े धरा पर रोग, जीव मरने को आया बढ़े धरा पर रोग, जीव मरने को आया
नई मनुस्मृति नई मनुस्मृति
अशांत कोलाहल की जिंदगी से दूर शांति का दूत बनेगाI अशांत कोलाहल की जिंदगी से दूर शांति का दूत बनेगाI